राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ अपने सबसे बेहतर दौर में गुजर रहा है. देश की मौजूदा राजनीतिक दशा और दिशा भी आरएसएस की लिखी हुई पटकथा पर चलती नजर आ रही है. ऐसे में संघ के सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने रविवार को गोवा के पणजी में बयान दिया है कि राजनीतिक लड़ाई को हिंदुओं से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. बीजेपी का विरोध हिंदुत्व का विरोध नहीं है.
लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी की प्रचंड जीत के साथ जैसे-जैसे देश में पार्टी का ग्राफ बढ़ा वैसे-वैसे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) की जड़ें भी मजबूत होती गईं. 2019 के आम चुनाव में बीजेपी की जीत ने संघ को और भी मजबूती प्रदान करने का काम किया. आरएसएस का संगठन मजबूत हुआ सदस्यों की संख्या बढ़ती गई तो प्रसार क्षेत्र में भी तेजी से इजाफा हुआ. ऐसे में संघ नेताओं के हालिया बयान इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि अब संगठन व्यापक प्लान की ओर बढ़ रहा है तो उसे हिंदुत्व की चिंता भी है.
आरएसएस के सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने रविवार को गोवा के पणजी में बयान दिया है कि हिंदू समुदाय का मतलब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संबंधित होना नहीं है. साथ ही, भाजपा का विरोध करने को हिंदुओं के विरोध के तौर भी नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजनैतिक लड़ाई चलती रहेगी, लेकिन इसे हिंदुओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.